आज से लगभग एक साल पहले हम टोरंटो घूमने गए थे| ४ दिन की छुट्टी लेकर गए थे और CN टावर, नियाग्रा प्रपात, टोरंटो के द्वीपों के साथ वहां पर मौजूद भारतीय बाजार भी घूमा था| जाने का मुख्य उद्देश्य ये था की हमें पता नहीं था कि हम इस साल भी यहाँ कनाडा में रहेंगे कि नहीं| और १ वर्ष कनाडा में रहकर भी हम यहाँ से नियाग्रा प्रपात देखे बिना तो नहीं जाना चाहते थे| किंतु, अब एक वर्ष बीत जाने के बाद भी हम यहीं हैं अपनी श्रीमती जी के साथ| इसलिए सोचा कि कनाडा को छोड़ कर जाने से पहले (इस बार लगभग पक्का है कि हम यहाँ से कहीं और प्रस्थान कर ही रहे हैं) उन्हें भी एक बार ये सब चीजें दिखा दी जायें| तो अब फ़िर से योजना बनी है, और टिकेट खरीद लिए गए हैं, होटल भी बुक हो चुका है, केवल उड़ान भरने कि देरी है| जी हाँ, अगले सप्ताह वृहस्पतिवार को हम लोग टोरंटो के लिए रवाना हो रहे हैं|
टोरंटो जाने का यह समय अच्छा इसलिए भी है कि अगले महीने से यहाँ भीषण ठण्ड प्रारम्भ हो जाएगी और दिन भी छोटे होते चले जाएँगे| हालाँकि अभी से ७:३० बजे सूर्य देव छुप जाते हैं, लेकिन नवम्बर से तो यहाँ पर घड़ियाँ एक घंटे पीछे खिसका दी जाएंगी तो दिन और भी जल्दी ढल जाएगा|
तो फिर टोरंटो से आने के बाद आपको वहाँ के फोटो दिखायेंगे|
Thursday, September 25, 2008
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